कन्या अछूत नहीं: बुद्ध की प्रेरणादायक कहानी || Inspiring Story by Buddha

कन्या अछूत नहीं

कन्या अछूत नहीं: बुद्ध की प्रेरणादायक कहानी || Inspiring Story by Buddha

कन्या अछूत नहीं: बुद्ध की प्रेरणादायक कहानी || Inspiring Story by Buddha

एक बार वैशाली के बाहर धम्म प्रचार के लिए जाते हुए गौतम बुद्ध ने देखा कि कुछ सैनिक तेजी से भागती हुई एक लड़की का पीछा कर रहे हैं | वह डरी हुई लड़की एक कुएं के पास जाकर खड़ी हो गई | वह हांफ रही थी और प्यासी भी थी | बुद्ध ने उस बालिका को अपने पास बुलाया और कहा कि वह उनके लिए कुएं से पानी निकाले स्वयं भी पिए और उन्हें भी पिलाए इतनी देर में सैनिक भी वहां पहुंच गए | 


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बुद्ध ने उन सैनिक को हाथ के संकेत से रुकने को कहा उनकी बात पर वह कन्या कुछ झेंप हुई बोली महाराज मैं एक अछूत कन्या हूं | मेरे कुएं से पानी निकालने पर जल दूषित हो जाएगा | बुद्ध ने उससे फिर कहा पुत्री बहुत जोर की प्यास लगी है | पहले तुम पानी पिलाओ इतने में वैशाली नरेश भी वहां आ पहुंचे | उन्हें बुद्ध को नमन किया और सोने के बर्तन में केवड़े और गुलाब का सुगंधित पानी पेश किया | 


बुद्ध ने उसे लेने से इंकार कर दिया बुद्ध ने एक बार फिर बालिका से अपनी बात कही इस बार बालिका ने साहस बटोर कर कुएं से पानी निकलकर स्वयं भी पिया और गौतम बुद्ध को भी पिलाया | पानी पीने के बाद बुद्ध ने बालिका से भय का कारण पूछा कन्या ने बताया मुझे संयोग से राजा के दरबार में गाने का अवसर मिला था | राजा ने मेरा गीत सुन मुझे अपने गले की माला पुरस्कार में दी | 


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लेकिन उन्हें किसी ने बताया कि मैं अछूत कन्या हूं | यह जानते ही उन्होंने अपने सिपाहियों को मुझे कैद खाने में डाल देने का आदेश दिया | मैं किसी तरह उनसे बचकर यहां तक पहुंची थी | इस पर बुद्ध ने कहा सुनो राजन यह कन्या अछूत नहीं है आप अछूत हैं | 


जिस बालिका के मधुर कंठ से निकले गीत का आपने आनंद उठाया उसे पुरस्कार दिया | वह अछूत हो ही नहीं सकती | गौतम बुद्ध के सामने वह राजा लज्जित ही हो सकते थे | तो दोस्तों, मुझे उम्मीद है कि आपको यह कहानी पसंद आया होगा। और आपका बहुत शुक्रिया कहानी में यहां तक ​​रहने के लिए।

 

निष्कर्ष

बुद्ध की प्रेरणादायक कहानी "कन्या अछूत नहीं" हमें यह सिखाती है कि मानवता और करुणा किसी भी जाति या वर्ग की सीमाओं से परे है। यह कहानी हमें दर्शाती है कि कैसे बुद्ध ने समाज में व्याप्त अछूतता के विचार को चुनौती दी और एक कन्या को उसके सच्चे मूल्य का एहसास कराया।

5 FAQs

1. कहानी "कन्या अछूत नहीं" का मुख्य संदेश क्या है?

इस कहानी का मुख्य संदेश यह है कि सभी मनुष्य समान हैं और किसी को भी उसके जन्म के आधार पर अछूत नहीं माना जाना चाहिए।

2. बुद्ध ने कन्या को कैसे प्रेरित किया?

बुद्ध ने कन्या को उसकी आंतरिक शक्ति और मानवता का एहसास कराके प्रेरित किया, और दिखाया कि वह किसी से कम नहीं है।

3. इस कहानी को आज के संदर्भ में कैसे लागू किया जा सकता है?

आज के समय में भी, इस कहानी का संदेश जातिवाद, लिंगभेद, और सामाजिक भेदभाव के खिलाफ खड़ा होने की प्रेरणा देता है।

4. बुद्ध ने समाज में व्याप्त अछूतता के विचार को कैसे चुनौती दी?

बुद्ध ने समाज में व्याप्त अछूतता के विचार को अपने उपदेशों और कार्यों के माध्यम से चुनौती दी, जिससे लोगों की सोच में परिवर्तन आया।

5. इस कहानी का आज के युवाओं पर क्या प्रभाव पड़ सकता है?

यह कहानी आज के युवाओं को सामाजिक भेदभाव के खिलाफ खड़े होने और सभी के साथ समानता और करुणा का व्यवहार करने की प्रेरणा दे सकती है।

Tags:- बुद्ध की कहानियाँ, प्रेरणादायक कहानियाँ, समाजिक समानता, जातिवाद के खिलाफ, मानवता और करुणा